राहुल गांधी की वजह से मैं कांग्रेस में नहीं, सोनिया-खरगे के हाथ में भी कुछ नहीं', गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान

गुरुवार, 6 अप्रैल 2023 (00:32 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) प्राथमिक कारण थे जिनकी वजह से उन्होंने एवं कई अन्य ने कांग्रेस (Congress)  को छोड़ा। उन्होंने दावा किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में रहने के लिए ‘रीढ़विहीन’ होने की जरूरत है।
 
उन्होंने दावा किया कि अब न ही कांग्रेस संसदीय पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के हाथ में और न ही कांग्रेस अध्ययन मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के हाथ में है कि वे चाहकर भी पार्टी में उनकी वापसी करा दें। आजाद ने जोर देकर कहा कि अगर राहुल गांधी भी उन्हें पार्टी में वापस आने को कहेंगे तो यह ‘देर से उठाया गया अपर्याप्त’कदम होगा।
 
कांग्रेस से अलग होने और अपनी डमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) गठित करने वाले आजाद ने कहा कि आज कर राजनीति में कोई भी ‘अछूत’ नहीं है और सरकार बनाने के लिए किसी भी दल के साथ जा सकते हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन करने की संभावना से भी इनकार नहीं किया।
अध्यादेश फाड़ने पर नहीं हुई कार्रवाई : आजाद ने कहा कि अगर राहुल गांधी ने 2013 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को नहीं फाड़ा होता तो उन्हें आज (संसद सदस्य से) अयोग्य नहीं ठहराया जाता। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश की प्रति फाड़े जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि तत्कालीन केंद्रीय मंत्रिमंडल 'कमजोर' था।
 
किताब का किया विमोचन : आजाद अपनी नई किताब ‘ आजाद : एन ऑटोबायोग्राफी’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उनकी इस किताब का पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सद्र-ए-रियासत डॉ. कर्ण सिंह ने लोकार्पण किया। आजाद ने कहा कि ट्विटर के जरिए काम करने वाले नेताओं के मुकाबले वे 2000 प्रतिशत अधिक कांग्रेसी हैं।
जब आजाद से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस छोड़ने के कारण थे, उन्होंने कहा कि हां, मेरे लिए ही नहीं बल्कि कम से कम कुछ दर्जन युवा और पुराने नेताओं के लिए। अगर आप कांग्रेस में रहना चाहते हैं तो रीढ़विहीन होना पड़ेगा।
 
आजाद ने कहा कि जब शीर्ष नेतृत्व किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने जा रहा है तो नेताओं को साथ जाने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए जैसे अब हो रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों का हवाला दिया जब वे किसी जांच आयोग या जांच एजेंसी के सामने जाते थे तो नेता उनके साथ स्वेच्छा से जाते थे न कि व्हिप जारी किया जाता था जैसा कि आज हो रहा है।
 
जब उनसे पूछा गया कि अगर सोनिया गांधी कांग्रेस में वापसी के लिए बोलेंगी तो क्या वह लौटेंगे, उन्होंने कहा कि काश अगर सोनिया गांधी के हाथ में होता तो हम यहां आते ही नहीं...सोनिया गांधी तय नहीं कर सकतीं। Edited By : Sudhir Sharma

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