अधिकांश नि:संतान दंपति लड़कियों को लेते हैं गोद

गुरुवार, 28 अगस्त 2014 (00:34 IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली में रहने वाला शर्मा परिवार 12 महीने के लंबे इंतजार के बाद एक बच्ची को गोद लेने के बाद से बहुत खुश है। इसी तरह देशभर में कई ऐसे संतानविहीन दंपति हैं जो पांरपरिक रूप से बेटे की चाह रखने वाले भारतीय समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश कर रहे हैं।

बच्चों को गोद लेने में संतानविहीन दंपतियों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के अनुसार शर्मा दंपति की तरह कई ऐसे संतानविहीन दंपति हैं जो लड़के के ऊपर लड़कियों को गोद लेने को तरजीह दे रहे हैं जिससे देश में बदलती मानसिकता का पता चलता है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों से भी इस रुझान का पता चलता है। आंकड़ों के अनुसार भारतीय दंपतियों ने इस साल अप्रैल और जून के बीच करीब 641 अनाथ बच्चों को गोद लिया गया और इन बच्चों में 375 लड़कियां थीं।

लोकसभा में आज पेश किए गए देशभर में बच्चे गोद लेने से जुड़े आंकड़ों से पता चला कि आंध्र प्रदेश (58) में सबसे अधिक संतानविहीन दंपतियों ने लड़कियों को गोद लिया। इसके बाद कर्नाटक (50) और तमिलनाडु (40) आते हैं।

इसी तरह अप्रैल 2013 से इस साल मार्च के बीच कुल 3,924 बच्चों को गोद लिया गया जिनमें से 2,293 लड़कियां थीं। इनमें से महाराष्ट्र में 525, पश्चिम बंगाल में 221 और आंध्र प्रदेश में 203 लड़कियों को गोद लिया गया। यहां तक कि दिल्ली में भी इस अवधि में 49 लड़कों की तुलना में 107 लड़कियों को गोद लिया गया।

एसओएस एडोप्शन होम की निदेशक विजया रैना ने कहा, आजकल माता-पिता बच्चों पर निर्भर नहीं होते और इसलिए वे बस अपना एक बच्चा होने की खुशी महसूस करना चाहते हैं और उसके लिंग के बारे में नहीं सोचते।

विजया ने दिल्ली की शर्मा दंपति का उदाहरण दिया जो बच्ची को गोद लेकर खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा, उन्हें एक साल तक इंतजार करना पड़ा। लेकिन लड़की गोद लेने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। (भाषा)

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