भारत ने परमाणु करार से जुड़े सुरक्षा मानक समझौते और अन्य पहलुओं पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के लिए 18 जुलाई को आयोजित विशेष ब्रीफिंग सीमित करने का फैसला किया है।
अब केवल 35 सदस्यीय निदेशक मंडल बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और एनएसजी के उन सदस्य देशों के लिए विशेष ब्रीफिंग का आयोजन किया जाएगा, जो बोर्ड में शामिल नहीं हैं। यह फैसला इसलिए किया गया है, क्योंकि सिर्फ आईएईए के 35 सदस्यीय निदेशक मंडल को ही सुरक्षा मानक समझौते को मंजूरी देना है।
अधिकारियों ने आज यहाँ बताया विदेश सचिव शिवशंकर मेनन वियना में 54 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष परमाणु करार के संबंध में भारत का पक्ष रखेंगे। इसका मकसद आईएईए के साथ होने वाले सुरक्षा मानक समझौते पर सदस्य देशों का समर्थन हासिल करना और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) से छूट प्राप्त करना है।
इस विशेष ब्रीफिंग में मेनन भारत-अमेरिका परमाणु करार की अहमियत के साथ एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने के बावजूद देश के परमाणु प्रसार के संबंध में बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड को रेखांकित करेंगे।
भारत-अमेरिका परमाणु करार के लिए भारत केंद्रित सुरक्षा मानक समझौते को आईएईए से मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है। सुरक्षा उपाय समझौते के बाद भारत को 45 सदस्यीय एनएसजी से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ परमाणु करोबार पर अनुमति प्राप्त करना होगी।