सेहत का सर्टिफिकेट मिलेगा बच्चों को

मंगलवार, 13 नवंबर 2007 (14:04 IST)
किसी में दृष्टिदोष है, या बधिर है, किसी को दाँत की समस्या है, तो किसी हृदय में समस्या है या किसी को कुछ नहीं है। सरकार ने तय किया है कि देश के सभी बच्चों के हेल्थ कार्ड बनाए जाएँगे। पाँचवीं से ऊपर की कक्षा में यह कार्ड बनना शुरू होंगे और हर स्कूल में हर साल बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय ने तैयार किया है। इसमें बच्चों को स्मार्ट हेल्थ कार्ड दिए जाएँगे, जिसमें उनके बारे में समस्त जानकारियाँ होंगी। ब्लड ग्रुप से लेकर विटामिन की कमी तक का जिक्र उसमें किया जाएगा।

यदि किसी भी बच्चे को मामूली तकलीफ भी हुई तो उसका उपचार करने को कहा जाएगा। बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिहाज से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। साथ ही किसी भी परेशानी को जल्द पक़ड़ा जा सकेगा, ताकि समय पर उपचार किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री अंबुमणि रामदास ने कहा है कि बधिरता और भाष्य कार्यक्रम डॉक्टर, परिजनों और शिक्षकों को भी सिखाए जाएँगे, ताकि बच्चों को नुकसान होने से पहले ही इसे पक़ड़ा जा सके। यह कार्यक्रम जनभागीदारी से चलाया जाएगा।

कैसे चलेगा : पहले इन्हें उन राज्यों में लागू करेंगे, जो इसमें रुचि लेंगे। यह कार्यक्रम अभी मिजोरम, महाराष्ट्र, तमिलनाडु गुजरात में चलाया जा रहा है। आईएमए और भारतीय दंत परिषद इसमें मदद करेंगे। उच्च रक्तचाप और मोटापा बच्चों में इन दिनों काफी देखने में आ रहा है।

कैसे बनाया कार्यक्रम : सबसे पहले यह विचार योजना आयोग ने दिया था। इसे सैद्धांतिक रूप से मंजूरी भी दे दी गई थी। यह बच्चों में हृदय संबंधी तकलीफ और मधुमेह के नियंत्रण के लिए लागू किया जाना था। इसे दिसंबर महीने के मध्य तक लागू करने की योजना है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार योजना समिति को मंत्रालय ने 1680 करोड़ रुपए देने का आग्रह किया है, ताकि अगले साल से 2012 तक कार्यक्रम सुचारु रूप से चलाया जा सके। (नईदु‍‍निया न्यूज)

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