नवरात्रि 2022 : माता रानी के 9 रंगों की 9 विशेषताएं, जानें 9 अलग-अलग रंगों का महत्व
रंगों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। जीवन जीतना रंग बिरंगा होता है, उतना खुशहाल लगता है। कुछ ऐसा नवरात्रि का आशय है। नवरात्रि में भी 9 दिन के 9 अलग-अलग रंग होते हैं जिनका महत्व भी अलग है। आइए जानते हैं 9 रंगों का महत्व...
नवरात्रि का पहला दिन : इस दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है। मान्यता अनुसार इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर ही आराधना और पूजा करनी चाहिए। पीला रंग हमारे जीवन में उत्साह, चमक और प्रसन्नता को लाता है।
नवरात्रि का दूसरा दिन : इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। माता को हरा रंग पसंद है तो इस दिन इसी रंग के वस्त्र पहनकर आराधना करना चाहिए। यह रंग जीवन में शांति, प्रकृति, विकास, सद्भाव और ऊर्जा का संचार करता है।
नवरात्रि का तीसरा दिन : इस दिन माता चंद्रघंटा की पूजा होती है। माता अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करती है तो भुरे या ग्रे रंग के वस्त्र पहनकर उनकी आराधना करें। यह रंग बुराई को नष्ट कर जीवन में दृढ़ संकल्प को जगाता है।
नवरात्रि का चौथा दिन : इस दिन माता कुष्मांडा की पूजा होती है। इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और जीवन में प्रसन्नता का आशीर्वाद देती हैं। यह रंग प्रसन्नता, हंसी, चमक, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा हुआ है।
नवरात्रि का पांचवां दिन : इस दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करना चाहिए। यह रंग जीवन में शांति, पवित्रता, ध्यान और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
नवरात्रि का छठा दिन : इस दिन माता कात्यायनी की पूजा होती है। माता कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है। उन्होंने ही महिषासुर का वध किया था। इस दिन लाल वस्त्र पहनकर उनकी पूजा करना चाहिए। यह रंग शत्रुओं के प्रति देवी के क्रोध और निर्भयता का प्रतिनिधित्व करता है। यह रंग उत्साह और उमंग का रंग भी है।
नवरात्रि का सातवां दिन : इस दिन माता कालरात्रि की पूजा होती है। इस दिन रॉयल नीले रंग के वस्त्र पहनकर देवी की पूजा आराधना करना चाहिए। क्योंकि देवी का रंग रंग सांवला और निडर मुद्रा है।
नवरात्रि का आठवां दिन : इस दिन देवी महागौरी की पूजा होती है। इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर माता की पूजा करना चाहिए। जो व्यक्ति देवी के इस रूप की पूजा करता है उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती है। यह रंग आशा, आत्म-शोधन और सामाजिक उत्थान का प्रतिनिधित्व करता है।
नवरात्रि का नौवां दिन : नवरात्रि का अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने का होता है। इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करना चाहिए, जो महत्वाकांक्षा और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। माता सिद्धिदात्री अलौकिक शक्ति प्रदान करने वाली देवी हैं।