दिग्गज उम्मीदवारों के लिए चिंता बने सामान्य प्रत्याशी
रविवार, 4 मई 2014 (16:25 IST)
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बारामूला। जम्मू-कश्मीर की अतिसंवेदनशील बारामूला लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस और विपक्षी पीडीपी के उम्मीदवारों के बीच है लेकिन संभवत: उनके वोटों में सेंध लगाने वाले कुछ छुटभैये प्रत्याशियों की वजह से इन दोनों चिरप्रतिद्वंद्वियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
इस संसदीय क्षेत्र में 7 मई को चुनाव हैं। यहां 11.51 लाख मतदाता हैं। यहां के कुल 1,616 मतदान केंद्रों में महज 80 ही सामान्य हैं जबकि 1,091 अतिसंवेदनशील तथा 445 संवेदनशील हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के वर्तमान सांसद शरीफ उद्दीन शरीक और पीडीपी प्रत्याशी राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग के अलावा अन्य उम्मीदवार जो 7 मई के चुनाव में असर डाल सकते हैं, वे हैं पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) के सलामुद्दीन और आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के अब्दुल रशीद शेख।
पीपुल्स कांफ्रेंस सज्जाद अली लोन की पार्टी है, जो 2009 में मुख्य धारा की राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल हुए थे और करीब 2 दशक पहले अलगाववादी राजनीति में दिलचस्पी लेना छोड़ दिया था।
पीसी का बारामूला के कुछ हिस्सों में अच्छा-खासा असर बताया जाता है। नवगठित एआईपी अपने पक्ष में कुछ वोट खींच सकती है।
पीडीपी और नेकां उम्मीदवारों को इन सामान्य उम्मीदवारों को लेकर चिंता खाए जा रही है। वर्तमान सांसद शरीक को लेकर गठबंधन सहयोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असंतोष है जो उनके जीतने की संभावना में मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। (भाषा)