मध्यप्रदेश के किसानों को सोयाबीन उगाने का लगभग 40-50 साल का अनुभव तो हो ही गया है। फिर भी इसकी उपज क...
प्रकृति को शुद्ध रखने में पेड़-पौधों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। बड़े से लेकर छोटे से पौधे तक में प्...
इंसानों तथा पशु-पक्षियों के साथ ही पौधों में भी दोस्ती और दुश्मनी होती है। पौधों के इस आपसी संबंध तथ...
वर्षा जल के संचय के लिए अनेक प्रचलित यांत्रिक विधियाँ अपनाई जाती हैं। इन विधियों से जमीन पर तो भौतिक...
पिछले एक दशक में भूमिगत पानी के अत्यधिक दोहन तथा अल्प वर्षा के चलते प्रदेश में पानी की कमी को देखते ...

देखें, आपका पशु बीमार तो नहीं

मंगलवार, 1 अप्रैल 2008
खेती और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक और सहयोगी व्यवसाय हैं। मध्यप्रदेश में खेती के साथ-साथ गाय, भैंस आदि...
कृषि को लाभदायक बनाने के लिए कई सहायक व्यवसाय जैसे पशुपालन, (गाय भैंस आदि), बकरी पालन, मधुमक्खी पाल...
खेती को लाभदायक बनाने के लिए दो ही उपाय हैं- उत्पादन को बढ़ाएँ व लागत खर्च को कम करें। कृषि में लगने ...
पंजाब में बेहतर उत्पादन क्षमता वाली छह फसलों की नौ किस्मों को जारी किए जाने का निर्णय लिया गया है।
बजट जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर भी संसद किसान मुद्दे पर ठप हो रही है। खेद है कि अब तक इस बारे में स्पष्ट...
जब भी देश के उत्तरी भागों में बर्फ गिरती है, मध्यवर्ती भागों में भी शीतलहर का असर होता है। पारा नीचे...
बरसात प्रकृति की सृजन ऋतु है। इस मौसम में धरती की गोद में पड़े असंख्य बीज बिना किसी खाद, पोषक तत्व, स...
इस आलेख के अंतर्गत दुधारू बकरियों के चयन-देखभाल और प्रबंध के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे ह...
भारत में चने की सुण्डी (इल्ली) व्यापक रूप से पाई जाती है और ये कई कृषिगत फसलों और जंगली पौधों को नुक
कपास पर कीड़ों एवं रोगों का प्रकोप अधिक होता है। 'आवश्यकता-मूलक उपयोग' द्वारा 'जैविक फसल रक्षक' का छ...
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में संतुलित भोजन के साथ-साथ फलों का सेवन भी अति आवश्यक है।