अब सांसद बोलेंगे- 'मैडम स्पीकर'

मंगलवार, 2 जून 2009 (10:39 IST)
पंद्रहवीं लोकसभा में चुनकर आए सदस्यों को अध्यक्ष को 'मैडम स्पीकर' संबोधित करने की आदत डालनी होगी क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार यह पद कोई महिला संभालेगी।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार का लोकसभा अध्यक्ष बनना प्राय: तय है और वे यह पद संभालने वाली पहली महिला होंगी। बिहार के सासाराम क्षेत्र से निर्वाचित देश के दिग्गज दलित नेता बाबू जगजीवन राम की पुत्री को हालाँकि इस पद पर पहुँचने वाले पहले दलित व्यक्ति का श्रेय नहीं मिलेगा, क्योंकि इस समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दिवंगत जीएमसी बालयोगी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।

इससे पहले सदन में आमतौर पर अध्यक्ष को अध्यक्षया या मिस्टर स्पीकर से संबोधित किया जाता रहा है क्योंकि अब तक कभी कोई महिला लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं पहुँची थी। हालाँकि पीठासीन अधिकारियों के पेनल में महिलाएँ शामिल होती रही हैं और सदस्य उन्हें सभापति महोदया संबोधन से पुकारते थे।

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गाँधी के नेतृत्व में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों तक महिलाओं की पहुँच बढ़ रही है और देश की पहली महिला राष्ट्रपति के बाद अब लोकसभा अध्यक्ष की बारी है।

महिलाएँ 50 के पार : पंद्रहवीं लोकसभा में रिकॉर्ड 59 महिलाएँ जीतकर आई हैं, जबकि इसके पहले तक कभी यह आँकड़ा 50 नहीं हो पाया था। राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण होती जा रही भूमिका को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि संप्रग सरकार के मौजूदा कार्यकाल के दौरान लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक कुछ फेरबदल के साथ पारित होगा।

मौजूदा सरकार में कई महिलाएँ मंत्री भी बनी हैं, जिनमें अम्बिका सोनी, शैलजा, डी. पुरंदरेश्वरी, कृष्णा तीरथ, पानाबाका लक्ष्मी और परणीत कौर शामिल हैं। महिलाओं की इस फौज में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की पुत्री अगाथा संगमा उम्र में सबसे छोटी हैं, जबकि अब तक मीरा खुद कैबिनेट मंत्री थीं।

विपक्षी खेमे में इस बार भाजपा की सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन मौजूद हैं तो सपा की जयाप्रदा भी दूसरी बार चुनकर आई हैं। पहली बार लोकसभा में दाखिला लेने वालों में श्रुति चौधरी, सुप्रिया सुले, ज्योति मिर्धा, शताब्दी राय, मौसम नूर, अनु टंडन और दीपा दासमुंशी आदि शामिल हैं, जो नारी शक्ति को ताकत देंगी।

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