कान से प्रज्ञा मिश्रा
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ फिल्म क्रिटिक्स जूरी ने शनिवार की शाम भारत की फिल्म 'मसान' को अवार्ड दिया। ।यह जूरी कान फिल्म फेस्टिवल के साथ-साथ ही अपनी राय भी देती है। इस जूरी में ब्राज़ील, फ्रांस, यूके, टर्की, डेनमार्क के जूरी मेंबर के साथ-साथ भारत के बितोपन बोरबोराह भी शामिल थे।
मसान फिल्म की इस जीत के साथ एक ऐसे इंसान की कामयाबी की बात करना बहुत जरूरी है जो पिछले 2-3 सालों से अवॉर्ड दर अवॉर्ड जीतता चला जा रहा है और वो शख्स है मनीष मूंदरा जो मसान के प्रोड्यूसर हैं। उनकी कंपनी दृश्यम फिल्म्स ने पिछले साल सनडांस फिल्म फेस्टिवल में नाम कम चुकी फिल्म अमरीका को प्रोड्यूस किया, उसके बाद नागेश कुकुनूर की फिल्म धनक जो इस साल बर्लिन में दिखाई गई उसे भी दृश्यम फिल्म्स ने बनाया। और इसी हैट ट्रिक की अगली कड़ी है मसान। .... नीरज और उनकी पूरी टीम और ख़ास तौर पर मनीष मूंदरा ने भारत से आने वाली फिल्मों के लिए एक नए ही रास्ते की शुरुआत कर दी है।