तू तो रही है सदा से आरजू मेरी
मेरी भारत माता
तू तो बसी है मेरे मन में पर
क्या करूं यहां से तुझे न देखा जाता
जिसे देख खिल जाती मन की बगिया
ऐसा है तिरंगा प्यारा हमारा
तुझे सताने को दुश्मन रहते सदा तैनात
तू है हम सबकी जान और शान
कभी आए गोरे, कभी आए आतंकवादी
कभी सताया मंदिरों में जाकर तो कभी की गेटवे ऑफ इंडिया में बर्बादी
फिर भी न पा सके वो हमको क्योंकि हम सब एक हैं भारतवासी
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द।