प्रवासी कविता: अमेरिका की अलकापुरी -लास वेगास
- निर्मला शुक्ला
Fremont, California, USA
अमेरिका के रेतीले प्रांत नेवादा में
अलकापुरी सी चमचमाती
रेगिस्तान के बीच बसी हुई
लास वेगास की भव्य नगरी।
ऊंची-ऊंची विशाल अट्टालिकाएं
बिजली के रंग-बिरंगे प्रकाश से
कलात्मक ढंग से सजाई गई
चकाचौंध करती आंखों को।
यह अनोखा नगर दिन में तो सिर्फ जीता है
और रात में जाग उठता है।
रात में दिन से भी अधिक जन-समूह
चहल-पहल मेले का सा वातावरण।
प्रत्येक विशाल कसीनो का भवन
विश्व के विभिन्न स्थानों का प्रतिनिधित्व करते
जहां मिस्र के लक्सोर के पिरामिड
न्यूयार्क का स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी।
पेरिस का भव्य आइफिल टावर
वेनिस के नहरों में नौका विहार का हूबहू दृश्य
मन मुग्ध करते बेलाजियो भवन के सामने
संगीत के साथ नृत्य करते ऊंचे-ऊंचे फव्वारे।
यत्र-तत्र रंग-बिरंगे पुष्पों से भरे उद्यान
जिनकी सुंदरता व ताजगी से मन मोहित,
कभी पहुंच जाते हैं विराट जंगल में
जहां सुनाई पड़ते पशु-पक्षियों के कलरव गान !
कहीं अचानक बेमौसम बिजली की चमक
बादल के गर्जन के साथ और अचानक घनघोर वर्षा !
तो कहीं ज्वालामुखी लावा उगलती हुई
हृदय दहलाती ध्वनि से विस्मित करती।
कसीनो में विभिन्न प्रकार के खेल-तमाशे।
कहीं समुद्री डाकुओं के गिरोह जहाजों पर से
बम विस्फोट व बंदूक चला आक्रमण करते
कहीं जादू के खेल, तो कहीं विदूषक सबको हंसाते।
कसीनो में कतारों में स्लॉट मशीनों पर
जुआ खेलने में लोग ध्यानस्थ और मग्न !
कहीं सिक्कों के गिरने की खनखनाहट
जुआ खेलने के लिए आमंत्रित-सी करती !
सुरा व पेय पदार्थ बांटती सुन्दरियां
जुआ खेलने के लिए मानों उत्साहित-सी करतीं !
कसीनो में चारो ओर कोलाहल
जीतने व हारने की उत्तेजित ध्वनि !
किसी कसीने में श्वेत-व्याघ्रों के करतब,
कहीं एक्वेरियम में रंग-बिरंगी मछलियां
तथा छोटे-बडे नाना प्रकार के जलचर !
कहीं भवन के भीतर ही विशाल आकाश, तारों से भरा !
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