जिंदाबाद 'सोशल सिक्योरिटी',
वहीं से आती, मेरी दाल-रोटी,
कुछ मिलता भी है मुझको पेंशन,
करता नहीं मैं दिल्लगी,
प्रभु, मेरी तुझे है बंदगी।
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