×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
महाकुंभ
कुंभ यात्रा गाइड
कुंभ मेला न्यूज
कुंभ मेला इतिहास
दिल्ली चुनाव
ज्योतिष 2025
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
महाकुंभ
दिल्ली चुनाव
ज्योतिष 2025
बॉलीवुड
धर्म-संसार
क्रिकेट
लाइफ स्टाइल
ज्योतिष
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
हिन्दी में प्रवासी साहित्य : सौगात...
लावण्या शाह
जिस दिन से चला था मैं,
वृंदावन की सघन घनी,
कुंज-गलियों से,
राधे, सुनो तुम मेरी मुरलिया,
फिर ना बजी,
किसी ने तान वंशी की
फिर ना सुनी।
वंशी की तान सुरीली,
तुम-सी ही सुकुमार,
सुमधुर, कली-सी,
मेरे अंतर में,
घुली-मिली-सी,
निज प्राणों के कंपन-सी,
अधर रस से पली-पली-सी।
तुम ने रथ रोका- अहा! राधिके!
धूलभरी ब्रज की सीमा पर,
अश्रुरहित नयनों में थी,
पीड़ा कितनी सदियों की।
सागर के मंथन से,
निपजी, भाव माधुरी,
सौंप दिए सारे बीते क्षण,
वह मधु-चन्द्र-रजनी,
यमुना जल कण, सजनी।
भाव सुकोमल सारे अपने,
भूत भव के सारे वे सपने,
नीर छ्लकते हलके-हलके,
सावन की बूंदों का प्यासा,
अंतरमन चातक पछतता,
स्वाति बूंद तुम अंबर पर,
गिरी सीप में मोती बन।
मुक्ता बन मुस्कातीं अविरल,
सागर मंथन-सा मथता मन,
बरसता जल जैसे अंबर से,
मिल जाता दृग अंचल पर।
सौंप चला उपहार प्रणय का,
मेरी मुरलिया, मेरा मन,
तुम पथ पर निस्पंद खड़ी,
तुम्हें देखता रहा मौन शशि,
मेरी आराध्या, प्राणप्रिये,
मनमोहन मैं, तुम मेरी सखी।
आज चला वृंदावन से,
नहीं सजेगी मुरली कर पे,
अब सुदर्शन चक्र होगा हाथों पे,
मोर पंख की भेंट तुम्हारी,
सदा रहेगी मेरे मस्तक पे।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
जरुर पढ़ें
सर्दियों में रोजाना हॉट चॉकलेट पीने से क्या होता है सेहत पर असर
सर्दियों में सेहत और स्वाद का खजाना है मक्के की राब, पीने से मिलते हैं ये फायदे, जानें रेसिपी
सर्दियों में रोजाना पिएं ये इम्यूनिटी बूस्टर चाय, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग
ज्यादा मूंगफली खाना क्या लिवर के लिए है नुकसानदायक, जानिए सच्चाई
क्या सच में खाली पेट कार्डियो से जल्दी कम होती है चर्बी? क्या है इस दावे की सच्चाई
नवीनतम
गणतंत्र दिवस पर दें अपने नाखूनों को Tricolour Look, अपनाएं ये शानदार नेल आर्ट आइडियाज
76वां गणतंत्र दिवस : कर्तव्य पथ की परेड से लेकर बीटिंग रिट्रीट तक, जानिए भारतीय गणतंत्र की 26 अनोखी बातें
Republic Day Parade 2025: वंदे मातरम् और जन गण मन में क्या है अंतर?
जयंती विशेष: सुभाष चंद्र बोस के 8 अनसुने प्रेरक विचार, बदल देंगे आपका जीवन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, जानें महत्व और पराक्रम दिवस के बारे में
ऐप में देखें
x