द लॉस एंजिसिल टाइम्स की गुरुवार को एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वर्ष 2003 में यूनिवर्सिटी ने वर्मा को अप्रिय परिणामों को लेकर आगाह किया था क्योंकि तब उनपर यह आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने एक जूनियर प्रोफेसर को जोकि एक रिसर्च स्कॉलर भी थी, को यौन प्रताड़ना दी थी। लेकिन यूनिवर्सिटी ने इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि क्या पिछले मामले से डॉ. वर्मा के इस्तीफे का कोई संबंध है।
कथित प्रताड़ना के दौरान डा. वर्मा एक 40 वर्षीय नेत्ररोगविज्ञानी थे जिन्होंने मदर टेरेसा के साथ मिलकर भी काम किया था। इसके बाद उन्हें डीन का पदभार सौंप दिया गया था। टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार डॉ.वर्मा ने संबंधित महिला से कहा था कि एक साथ समय गुजारने के लिए उन्होंने एक सिंगल रूम बुक करा लिया है। उसका कहना है कि जब उसने इस बात का विरोध किया तो वर्मा ने उसका फोन छीन लिया और धमकाया कि वे उसका वीजा रद्द करवा देंगे।
इस घटना के बाद वर्मा की एक प्रत्याशित तरक्की रोक दी गई थी और उनका वेतन तीस हजार डॉलर कर दिया गया और उन्हें आदेश दिया गया था कि वे यौन प्रताड़ना रोधी सलाह लें। यूनिवर्सिटी ने दोनों का 135,000 डॉलर का समझौता करवा दिया था जिसमें से वर्मा ने ग्यारह हजार डॉलर की राशि दी थी।
वर्ष 2004 में वर्मा के वेतन में कटौती समाप्त कर दी गई और उन्हें अगले वर्ष प्रोफेसर के पद पर तरक्की दी गई। हालांकि वर्मा का केक फैकल्टी और स्टाफ को लिखे पत्र पर दिनांक 4 अक्टूबर, बुधवार लिखा था लेकिन इसे 5 अक्टूबर, गुरुवार शाम पांच बजे बाद भेजा गया था। हालांकि इस बीच कथित तौर पर यूनिवर्सिटी की ओर से एक पत्र जारी किया गया था जिसमें वर्मा का बचाव किया गया था। लेकिन इस मामले में वर्मा ने कोई टिप्पणी नहीं की है।