आजकल विदेशों में बसी भारतीय युवा पीढ़ी में भाषा और कविता के प्रति रुझान कम हो चला है। कोई भी कॉन्सर्ट होता है तो लोग हज़ारों की संख्या में पहुंच जाते हैं, परन्तु कविता से जुड़ा कार्यक्रम हो तो 50-100 लोग जुटाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अपनी संस्कृति और साहित्य को भावी पीढ़ी तक पहुँचाना पहली पीढ़ी का काम हो जाता है।
कवि सम्मलेन में मेलबर्न के हास्य कवि सुभाष शर्मा और कैनबरा के हास्य व्यंग्य कवि किशोर नांगरानी को आमंत्रित किया गया था। सिडनी के प्रमुख कवि, कवयित्रियों में डॉ. प्रभात सिन्हा, अनिल वर्मा, रेखा राजवंशी, विमला लूथरा, डा. शैलजा चतुर्वेदी, रितु भामरा, विजयसिंह, राजीव कपूर और गरिमा त्रिवेदी मुख्य थे।
सुभाष शर्मा के समोसा जलेबी ने रंग जमाया तो किशोर जी के सटीक व्यंग्यों ने लोगों को खूब हंसाया। रेखा राजवंशी के दोहों में उपस्थित लोगों ने साथ दिया तो राजीव कपूर की हास्य कविता का मज़ा उठाने से भी लोग नहीं चूके। वूलोंगॉन्ग के उद्योगपति अरुण कुमार जगतरामका भी उपस्थित हुए और बीच-बीच में हास्य की फुलझड़ियां छोड़ते रहे। भारतीय समुदाय के अन्य माननीय अतिथि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। सब ने ढाई घंटे के इस कवि सम्मलेन का आनंद उठाया।