बीजिंग ओलिम्पिक में इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े मुक्केबाज अखिल कुमार की कामयाबी के लिए उनके माता पिता ने क्वार्टर फाइनल मुकाबला खत्म होने तक मौन व्रत रख लिया है।
अखिल यदि आज जीतते हैं तो ओलिम्पिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत को पहला पदक मिलेगा।
उसके पिता शिव भगवान और माँ श्यामा देवी ने अखिल का मुकाबला खत्म होने तक मौनव्रत रखने का फैसला किया है। इस बीच न्यू बस स्टैंड के पास उनके घर पर वेदमंत्रोच्चार का सिलसिला जारी है।
अखिल के नजदीकी दोस्त और मुक्केबाज सुबोध ने कहा गुड़गाँव में रहने वाले अखिल के बड़े भाई शैलेंद्र और उत्तरप्रदेश में बसी उनकी दोनों बहनें भी उनकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रही है।
उसने बताया कि अखिल के दोस्त दिलबाग ने गुड़गाँव स्थित अपने आवास से राजस्थान के चुरू जिले में स्थित शालसार तीर्थ तक 400 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू कर दी है।
कानपुर में रहने वाले अखिल के मामा ने आज सुबह गंगा किनारे पूजा की। रोहतक जेल में काम करने वाले अखिल के पिता शिव भगवान नर्वस भी हैं और रोमांचित भी। सुबोध ने कहा परिजनों के अलावा उसके सारे दोस्त भी दुआ कर रहे हैं।