ओल‍िम्पिक में भी कायम अमेरिकी अकड़

सोमवार, 4 अगस्त 2008 (16:12 IST)
अमेरिका दुनिया को सिर्फ राजनीतिक मामलों में ही अपने डंडे से हाँकने की कोशिश नहीं करता, बल्कि विश्व के सबसे बड़े खेल आयोजन ओल‍िम्पिक में भी उसकी अकड़ कायम रहती है और उसका दल मार्चपास्ट के समय मुख्य अतिथि के सामने अपना झंडा नहीं झुकाता।

ओल‍िम्पिक खेलों में भाग लेने वाले सभी देशों के दल मार्चपास्ट में मुख्य अतिथि के सामने पहुँचते ही उनके सम्मान में अपना झंडा झुका लेते हैं, लेकिन अमेरिका दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो ऐसा नहीं करता।

ओल‍िम्पिक मार्चपास्ट से संबंधित इन्फोर्मेशन मैन्युअल के अनुसार अमेरिका द्वारा मुख्य अतिथि के सामने झंडा न झुकाने की शुरुआत 1908 के लंदन ओलिम्पिक से शुरू हुई।

उस समय आयोजक आयोजन स्थल पर अमेरिका का झंडा लगाना भूल गए थे। इससे अमेरिकी दल नाराज हो गया और उसने अपने गुस्से का इजहार करने के लिए मार्चपास्ट में मुख्य अतिथि के सामने झंडा नहीं झुकाया। तब से अमेरिका के लिए यह एक परंपरा-सी बन गई।

सन 1908 से लेकर अब तक जितने भी ओलिम्पिक हुए उनमें अमेरिकी दल ने मुख्य अतिथि के सामने झंडा नहीं झुकाया।

शुरू-शुरू में तो ओलिम्पिक में भाग लेने वाले बाकी देशों के दल अमेरिका के इस रवैये पर नाराजगी जताते रहे, लेकिन धीरे-धीरे यह चलन में आ गया।

अमेरिका ने मार्चपास्ट में झंडा न झुकाने को अपनी आदत बना लिया है और ऐसा करने वाला वह दुनिया का इकलौता देश है। ओल‍िम्पिक मार्चपास्ट के मुख्य अतिथि भी अब अमेरिका की इस आदत का बुरा नहीं मानते।

चीन की राजधानी में आठ अगस्त से शुरू होने जा रहे बीजिंग ओलिम्पिक खेल भी अमेरिकी अकड़ का गवाह बनने को तैयार है।

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