चीन के लिए जुनून है ओलिम्पिक

गुरुवार, 21 अगस्त 2008 (22:17 IST)
खेलों के महासमर में चीन की अप्रतिम सफलता ने पूरी दुनिया को ठिठका दिया। किसी ने विस्मय से देखा तो किसी ने ईर्ष्या से लेकिन कामयाबी का ऐसा नजारा पहले कभी नजरों को मयस्सर नहीं हुआ होगा। अमेरिका की बादशाहत खत्म करके खेलों की सुपरपावर बनने की दहलीज पर खड़ा है दुनिया का सबसे आबाद यह देश।

ड्रैगन की इस सफलता का राज क्या है। यहाँ खिलाड़ियों को सुविधाओं के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ता। यहाँ ओलिम्पिक जैसे बड़े आयोजनों को संजीदगी से लेकर मुकम्मिल तैयारी कराई जाती है और यहाँ एक नाकामी के बाद लोग अपने सितारा खिलाड़ियों का तिरस्कार नहीं करते, बल्कि और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करते हैं। मन से और धन से भी।

चाइना डेली की एक रिपोर्ट में चीन के 11 में से आठ विश्व स्तरीय अभ्यास केंद्रों का ब्योरा दिया गया है जहाँ अपने अपने फन को मांजकर उसके खिलाड़ी चैम्पियन बनकर निकले हैं।

समुद्री सतह से 2365 मीटर ऊँचाई पर स्थित किंघाई प्रांत स्थित ड्यूबा विश्व चैम्पियनों की खान रहा है। यहाँ सालाना औसत तापमान 6.5 सेंटीग्रेड होता है जो तैराकों निशानेबाजों और ट्रैक एंड फील्ड एथलीटों की तैयारी के लिए उत्तम है।

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