कुश्ती को छोड़कर लंदन ओलिंपिक खेलों में भारत के लिए ज्यादातर प्रतियोगिताएं समाप्त हो चुकी हैं लेकिन भारत की झोली में अब तक स्वर्ण पदक नहीं आया है। देश को स्वर्ण दिलाने का दारोमदार अब पिछले ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की अगुवाई में पांच पहलवानों पर आ गया है।
भारत के लिए गुरुवार से कुश्ती प्रतियोगिता शुरू हो गई हैं। भारत की एकमात्र महिला पहलवान गीता फोगट हालांकि अपने पहले मुकाबले में पराजित हो गईं, लेकिन शुक्रवार अमित कुमार ( 55 किलो) और नरसिह यादव (74 किलो) और 11 अगस्त को योगश्वर दत्त (60 किलो) तथा खेलों के अंतिम दिन 12 अगस्त को सुशील कुमार (66 किलो) को भिड़ना है।
तीसरा ओलिंपिक खेल रहे सुशील का कहना है कि मेरे वजन वर्ग में ऐसा शायद ही कोई पहलवान हो जिससे मैं पहले नहीं भिड़ा हूं इसलिये मेरे लिए ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए। सुशील का मानना है कि यह ओलिंपिक है आपको हर चीज के लिये तैयार रहना होता है। देश में लोगों को मुझसे और मेरे साथी पहलवानों से काफी उम्मीदें हैं। मैं अपना शत-प्रतिशत देने का प्रयास करूंगा।
विश्व चैंपियन सुशील में इतना अनुभव और क्षमता है कि वे इस बार स्वर्ण पदक जीत सकें। उद्घाटन समारोह में देश का तिरंगा लहराने वाले सुशील ने कहा कि खेलों में कुछ भी पक्की तरह से नहीं कहा जा सकता। इसकी कोई भविष्यवाणी भी नहीं की जा सकती है। (भाषा)