लंदन ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम के लचर प्रदर्शन से निराश ओलिंपिक माइकल किंडो ने लंदन खेलों के बीच में खिलाड़ियों की आलोचना करने के लिए कोच माइकल नोब्स को तुरंत हटाए जाने की मांग की है।
म्यूनिख ओलम्पिक (1972) खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के सदस्य किंडो ने कहा कि मुझे खिलाड़ियों के लिए बहुत अफसोस है। टीम के कुछ मैचों में पराजित हो जाने के बाद कोच नोब्स द्वारा कहे गए नकारात्मक विचार मुझे पंसद नहीं आए।
उन्होंने कहा कि कोच का काम खिलाड़ियों प्रोत्साहित करना और उन्हें आगे के मैच के लिए मानसिक रूप से तैयार करना होता है। विश्व कप (1975) जीतने वाली टीम के सदस्य किंडो ने कहा कि खिलाड़ियों का प्रोत्साहन बढ़ाने की बजाय खिलाड़ियों की आलोचना करने के लिए नोब्स को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
बारह देशों की इस प्रतियोगिता में भारतीय हॉकी टीम ने अभी तक एक मुकाबला भी नहीं जीता उसे अभी अंतिम दो स्थान के निर्धारण के लिए खेलना है जो ओलिंपिक हॉकी के इतिहास भारत का यह सबसे खराब प्रदर्शन माना जाएगा। आठ बार की ओलिंपिक चैंपियन टीम को अंतिम स्थान के लिए खेलना पड़ रहा है।
हॉकी इंडिया और इंडियन हॉकी महासंघ दोनों के एक हो जाने के वकालत करते हुए किंडो ने कहा देश के कुछ श्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों को ओलिंपिक में जाने का मौका केवल इसलिए नहीं मिल पाया कि उन्होंने विश्व हॉकी सिरीज में भाग लिया था। (भाषा)