भारतीय मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू सेवानिवृत्ति पर विचार कर रहे हैं लेकिन वे अंतिम फैसला लेने से पहले महासंघ अधिकारियों से सलाह लेंगे। संधू ने कहा कि मैंने पहले कहा था कि 60 साल की उम्र सेवानिवृत्ति की है।
जब मैं भारत लौटूंगा तब फैसला लूंगा। मैं अपने अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों से अंतिम फैसला लेने से पहले बात करूंगा। उन्होंने कहा कि मुक्केबाजी मेरे लिए धर्म की तरह है। मेरी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा मुक्केबाजी में ही गुजरा है।
हमने कोई पदक नहीं जीता इसलिए मैं खुश होकर घर नहीं जा सकता। भारतीय मुक्केबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वे इसे पदक में तब्दील नहीं कर सके। मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं। (भाषा)