गणगौर का गीत

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गोर गोर गोमती
ईश्वर पूजे पार्वती
पार्वती का आला लीला
गोर को सोना का टीला
टीला दे टपका रानी
व्रत करे गोरा दे रानी
करते-करते आस आयो मास आयो
खेडे खाण्डे लाडू आए
लाडू ने बीरा ने दियो बीरो लेम्हेन साड़ी
साड़ी में सिंगोड़ा बाड़ी में बिजोरा
राण्या पूजे राज मेंन्हका सवाग में
स्वाग भाग कीड़ी ये, कीड़ी थारी जात है
जात पड़े गुजरात है
गुजरात्यारो पाणी आयो
दे दे खूटया ताणी आयो
आँखा फूल कमल की डोरी

(नोट - इसी प्रकार सोलह बार पूजा करें)

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