अक्षय तृतीया : जानें एक नजर में

आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था
 
मां अन्नपूर्णा का जन्म की भी मान्यता है 
 
मां गंगा का अवतरण हुआ था 
 
द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज के ही दिन बचाया था।
 
कुबेर को आज के दिन खजाना मिला था।
 
सतयुग और त्रेतायुग का प्रारब्ध आज के दिन हुआ था।
 
कृष्ण और सुदामा का मिलन भी अक्षय तृतीया पर हुआ था।
 
ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण।
 
प्रसिद्ध तीर्थ बद्री नारायण का कपाट आज के दिन खोले जाते हैं।
 
वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं अन्यथा सालभर चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं।
 
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
 
अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयंसिद्ध मुहूर्त है, कोई भी शुभ कार्य का प्रारंभ किया जा सकता है।

ALSO READ: अक्षय तृतीया के 5 सटीक उपाय, हर संकट से बचाए
ALSO READ: चाहते हैं मनचाही प्रगति तो अक्षय तृतीया पर करें यह 2 शुभ टोटके
ALSO READ: सफल और सुंदर दांपत्य जीवन के लिए शुभ है अक्षय तृतीया व्रत

 

वेबदुनिया पर पढ़ें