Ashunya Vrat 2023 : जब तक चातुर्मास चलता तब तक हर माह की द्वितीया यानी दूज को अशून्य शयन का व्रत रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद की दूज यानी 01 सितंबर को यह व्रत रखा जा रहा है। महाभारत में इस व्रत का वर्णन भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर से किया था और इसका महत्व भी बताया था। आओ जानते हैं इस व्रत की विधि और महत्व।
पुरुष क्यों करते हैं ये उपवास?
जिस तरह महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं उसी तरह पुरुष अपनी पत्नी की लंबी आयु और सेहत के लिए अशून्य शयन का व्रत रखता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति पत्नी का 7 जन्मों तक का साथ बना रहता है। इस व्रत को विधि विधान से करने कर पति पत्नी के बीच रिश्तों में मधुरता बढ़ती है।