प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। इस तरह 24 चतुर्थी और प्रत्येक तीन वर्ष बाद अधिमास की मिलाकर 26 चतुर्थी होती है। सभी चतुर्थी की महिमा और महत्व अलग-अलग है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। कल यानी 2 मार्च मंगलवार को संकष्टी चतुर्थी है जिसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भी कहा गया है।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
2 मार्च, मंगलवार सुबह 05:46 से चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी जो 3 मार्च, सुबह 02:59 तक रहेगी।