गणगौर गीत : गौर गौर गोमती...

गौर गौर गोमती, ईसर पूजे पार्वती,
 
पार्वती के आला तीला, सोने का टीला।


 
टीला दे टमका दे, बारह रानी बरत करे,
 
करते करते आस आयो, मास आयो,छटे चौमास आयो।
 
खेड़े खांडे लाडू लायो, लाडू बिराएं दियो,
 
बीरो गुट कयगो, चुनड उड़ायगो,
 
चुनड म्हारी अब छब, बीरो म्हारो अमर।
 
साड़ी में सिंगोड़ा, बाड़ी में बिजोरा,
 
रानियां पूजे राज में, मै म्हका सुहाग में।
 
सुहाग भाग कीड़ीएं, कीड़ी थारी जात है ,जात पड़े गुजरात है।
 
गुजरात में पानी आयो, दे दे खूंटियां तानी आयो, आख्यां फूल-कमल की डोरी।

नोट - इसी प्रकार सोलह बार पूजा करें। 

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