श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रुप में जाना जाता है। यह एक प्रकार से भारतीय पर्यावरण दिवस है। यह दिन खेती-किसानी करने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पौधरोपण का विशेष महत्व है। इस दौरान कृषक बारिश का पूर्वानुमान लगाते हैं, ताकि कृषि कार्य की आरंभिक प्रक्रिया को शुरू किया जा सके।
हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण अगर श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त में किए जाएं तो वे शुभ फलदायी होते हैं। ज्योतिष के मुताबिक रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढा, उत्तरा भाद्रपदा, अनुराधा, पुष्य, श्रवण, हस्त, अश्विनी, मूल और विशाखा नक्षत्र में पौधारोपण शुभ होता है।
विशेष कामना के लिए विशेष पेड़
लक्ष्मी : तुलसी, आंवला, केला, बेल का वृक्ष।
आरोग्य : ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आंवला, सूरजमुखी, तुलसी।
ऐश्वर्य और सौभाग्य : अशोक, अर्जुन, नारियल और वट वृक्ष।
संतान प्राप्ति : पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, गु़ड़हल और अश्वगंधा।
मेधा : आँक़ड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी और तुलसी।