हरतालिका तीज पर महिलाएं व्रत व पूजा करती हैं। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद 16 श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है। विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस खास त्योहार पर हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है।
आइए जानें कैसे मनाएं शुभ पर्व-
* तीज के दिन महिलाएं सुबह से रात तक व्रत रखती हैं। इस व्रत में पूजन रात भर किया जाता है।
* एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।
* प्रतिमा बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहें और पूजा करते रहें।
* हरतालिका तीज के दिन चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग चूड़ा, कुमकुम, कंघी, आदि श्रृंगार की जरूरी सामग्री लेकर पार्वती जी का श्रृंगार करें।
* श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद, दूध और पंचामृत आदि से शिव परिवार का पूजन करें।
* पूजन-पाठ के बाद सुहागिन महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करें।
* हर प्रहर को इनकी पूजा करते हुए बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण करते रहे और आरती करें।