चेटीचंड के दिन सिन्धी समाज के लोग नदी और झील के किनारे पर बहिराणा साहिब की परंपरा को पूरा करते हैं। बहिराणा साहिब, इसमें आटे की लोई पर दीपक, मिश्री, सिन्दूर, लौंग, इलायची, फल आदि रखकर पूजा करते हैं और उसे नदी में प्रवाहित किया जाता है। इस दिन सिन्धु नदी के तट पर 'चालीहो साहब' नामक पूजा-अर्चना की जाती है। सिन्धी समुदाय के लोग जल देवता से प्रार्थना करते हैं कि वे बुरी शक्तियों से उनकी रक्षा करें।