भैरव की सवारी काला कुत्ता है। कालाष्टमी जयंती के दिन कई ऐसे काम हैं जिन्हें करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। काल भैरव जयंती की रात को काल भैरव की अर्चना करनी चहिए। इस दिन जप, पाठ और हवन आदि करने से मृत्यु तुल्य रोग-कष्ट भी दूर होते हैं। इनका व्रत रख उपासना करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती हैं।
काल भैरव जयंती के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
अन्न ग्रहण न करें। ये नियम केवल उनके लिए हैं जो व्रत करेंगे।
बिना भगवान शिव और माता पार्वती के काल भैरव पूजा नहीं करना चाहिए।
रात में सोना नहीं चाहिए। संभव हो तो जागरण करें।