सास-बहू शीतला की पूजा करके आई, शीतला माता की कथा सुनी।
बाद में सास तो शीतला माता के भजन करने के लिए बैठ गई। दोनों बहुएं बच्चे रोने का बहाना बनाकर घर आई। दाने के बरतन से गरम-गरम रोटला निकालकर चूरमा किया और पेटभर कर खा लिया। सास ने घर आने पर बहुओं से भोजन करने के लिए कहा। बहुएं ठंडा भोजन करने का दिखावा करके घर काम में लग गई। सास ने कहा, ''बच्चे कब के सोए हुए हैं, उन्हे जगाकर भोजन करा लो'...