धर्म, ज्ञान, ऐश्वर्य, वैराग्य सभी वहां उपस्थित रहते हैं। मण्डप के मध्यभाग में अग्नि, सूर्य और चंद्रमा रहते हैं।
कूर्म, नागराज तथा सम्पूर्ण वेद वहां पीठ रूप धारण करके उपस्थित रहते हैं।
सिंहासन के मध्य में अष्टदल कमल है; जिस पर देवताओं के स्वामी परम पुरुष भगवान श्री विष्णु लक्ष्मी के साथ विराजमान रहते हैं।
भगवान श्री विष्णु जी की पूजा के समय की जाने वाली आरती है। जय जगदीश हरे ....
भृगु द्वारा त्रिदेवपरीक्षा से देवताओं ने माना कि विष्णु ही सर्वश्रेष्ठ हैं।