उनकी अच्छाइयों के कारण जनता उनके गुणगान करती थी। उनका यश बढ़ते देखकर देवताओं को चिंता होने लगी, तब उन्होंने भगवान श्री विष्णु से अपनी बात कही। देवताओं की बात सुनकर विष्णु भगवान ने वामन रूप धारण कर राजा बलि से दान में तीन पग भूमि मांग ली।
माना जाता है कि तब से लेकर अब तक ओणम के अवसर पर राजा महाबलि (Legend of King Mahabali) केरल के हर घर में उनका हालचाल जानने और उनके कष्टों को दूर करने आते हैं। इस अवसर पर केरल के पारंपरिक लोकनृत्य शेर नृत्य, कुचिपुड़ी, गजनृत्य आदि के साथ यह दिन बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है।