Vinayaka Chaturthi : 14 जून को विनायक चतुर्थी, जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त एवं विधि
सोमवार को विनायक चतुर्थी है। चतुर्थी की तिथि भगवान श्री गणेश की तिथि है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार श्री गणेश की कृपा प्राप्ति से जीवन के सभी असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। पुराणों के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी तथा कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार विनायक चतुर्थी 14 जून 2021 को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं भगवान गणेश की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त-
प्रति माह शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत कहते हैं। यह चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में की जाती है। इस दिन श्री गणेश का पूजन-अर्चन करना लाभदायी माना गया है। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है।
भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, विघ्नहर्ता यानी आपके सभी दु:खों को हरने वाले देवता। इसीलिए भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विनायक/विनायकी चतुर्थी और संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता हैं। आइए जानें कैसे करें विनायक चतुर्थी का पूजन :-
* ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
* दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
* संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
* तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।
* अब गणेश का प्रिय मंत्र- 'ॐ गं गणपतयै नम:' बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।
* श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
* पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
* ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
* शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें तथा 'ॐ गणेशाय नम:' मंत्र की माला जपें।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021
भगवान श्री गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त- ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी का प्रारंभ 13 जून को रात 9.40 मिनट से शुरू होगा और चतुर्थी तिथि की समाप्ति 14 जून को रात 10.34 मिनट पर होगी।