6. माता शीतला का तिलक करने के बाद काजल, मेहंदी, लच्छा और वस्त्र अर्पित करें। तीन कंडवारे का समान अर्पित करें।
7. इसके बाद माता शीतला की कथा अवश्य पढ़ें या सुने।
8. कथा पढ़ने के बाद माता शीतला को भी मीठे चावलों का भोग लगाएं।
9. इसके बाद माता शीतला की आटें का दीपक जलाकर आरती उतारें।
10. आरती उतारने के बाद माता शीतला को जल अर्पित करें और उसकी कुछ बूंदे अपने ऊपर भी डालें।