इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में कुंती पुत्र अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इसीलिए इस दिन को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं। मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है। महाभारत ग्रंथ का एक हिस्सा है गीता जिसके कुल 18 अध्याय है। जिनमें से 6 अध्याय कर्मयोग, 6 अध्याय ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्याय में भक्तियोग के उपदेश दिए गए हैं। इस साल गीता जयंती की 5157वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसका मतलब यह कि आज से 5157 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण ने इसी समय अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था जिससे उसके ज्ञानचक्षु खुल गए थे। पुराणों के अनुसार गीता की उत्पत्ति कलयुग आरंभ होने से 30 वर्ष पहले हुई थी। श्रीमद्भागवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, गीता का दूसरा नाम गीतोपनिषद है।
एकादशी तिथि समाप्त:- अगले दिन रात 1 बजकर 54 मिनट तक (26 दिसंबर 2020)
1. गीता जयंती के दिन गीता को पढ़ना या सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
2. इस दिन मोक्षदा एकादशी रहती है अत: व्रत करने का बहुत ही महत्व होता है।
3. इस दिन भगवान कृष्ण की आराधना और पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं।