भगवान भोलेनाथ की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में इन दिनों अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) का धार्मिक उल्लास है। महिलाएँ ब्रह्म मुहूर्त में नर्मदा स्नान करके पूजा-अर्चना कर रही हैं।
विदित हो कि महिलाएँ तड़के 4 बजे से नर्मदा स्नान करने पहुँच रही हैं। 15 अप्रैल से शुरू हुआ मलमास का यह सिलसिला 15 मई तक चलेगा। इस दौरान भगवान कृष्ण की पूजा कर दीपक जलाए जाते हैं। महिलाओं को कृष्ण कथा सुनाई जाती है। यह पूजा खास तौर पर अधिक मास में ही की जाती है।
गृह शांति, आत्म शांति एवं सुख-समृद्धि के लिए यह पूजा की जाती है। इसके साथ ही अधिक मास में आने वाली चतुर्थी पर महिलाएँ निर्जला उपवास रखती हैं एवं चंद्रमा निकलने के बाद उनकी पूजा करने के पश्चात ही जल ग्रहण किया जाता है। चतुर्थी पर सभी महिलाएँ एकत्रित होकर भजन-पूजन करती हैं। अधिक मास में नर्मदा स्नान एवं पूजन का विशेष महत्व होता है, इसलिए महिलाएँ सूर्योदय से पहले स्नान एवं भगवान विष्णु की आराधना, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ-पूजन करके धर्म लाभ लेकर पुण्य फल की प्राप्ति कर रही हैं।
पुरुषोत्तम मास के दौरान वैशाख मास के चलते उज्जैन के मंगलनाथ में भात पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। लिहाजा इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने काफी मात्रा में मंगलनाथ पहुँचकर भात पूजा का लाभ उठा रहे हैं।