ईश्वर की नजर में जो दूसरों की भलाई के लिए काम करता है, वही वास्तव में सच्चा धार्मिक व्यक्ति है, चाहे वो किसी की धर्म का हो। वह हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या कोई भी अन्य धर्म का हो, वह ईश्वर को प्यारा ही होता है।
ईश्वर मानते हैं कि परोपकारी हिंसा नहीं कर सकता, वह कभी चोरी नहीं करेगा, शत्रु का भी भला करेगा, क्रोध एवं परिग्रह भी नहीं करेगा तथा स्वार्थ, भोग-विलास तो से कोसों दूर रहने वाला होगा।
अत: हमें भी अपने जीवन में दैनिक प्रार्थनाओं का समावेश जरूर करना चाहिए : -
इस प्रकार हों प्रार्थनाएं -
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* हे प्रभु, मुझ पर वह शांत विश्वास प्रदान कर जो सभी कठिनाइयों को जीत लेता है।
* दूसरों की भलाई के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है अत: मुझे ऐसी ही बुद्धि तो ताकि मैं औरों के काम आ सकूं।
* मुझे भय और चिंता से मुक्त कर ताकि मैं अपनी सर्वोत्तम क्षमता के साथ तेरी सेवा कर सकूं।
* हे प्रभु, मुझे समस्त गर्व से मुक्त कर मुझे विनीत और सच्चा बना।
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* दूसरों का हित चिंतन करने वाला परोपकारी कभी भी धर्म के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकता। अत: मैं भी हमेशा दूसरों का हित ही देखूं ऐसी बुद्धि मुझे प्रदान करें।
* मैं हमेशा सकारात्मक सोच से परिपूर्ण रहूं तथा कोई भी छोटी-मोटी कठिनाइयां मुझे अपने पग से डिगने न दें।
* मैं, मेरे परिवार, समाज और पूरे विश्व पर आपकी कृपा बनी रहें।
* सभी आनंदित रहे, खिलखिलाते रहे और सभी धर्म के लोग एक-दूसरे की सहायता के लिए हमेशा अपना हाथ आगे बढ़ाएं रखें।