भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की कार्यकारी परिषद (EC) के सदस्यों ने पेरिस ओलंपिक के दौरान यात्रा भत्ता नहीं लेने का फैसला किया है।परिषद के सदस्यों को इस बात की चिंता है कि अगर वे पेरिस ओलंपिक के लिए एथलीटों से अधिक भत्ता स्वीकार करेंगे तो उनकी छवि को नुकसान होगा।
आईओए की कार्यकारी परिषद ने यह भी कहा कि वे विदेश यात्रा के लिए सरकारी धन पर निर्भर नहीं है क्योंकि सभी सदस्य अच्छी पृष्ठभूमि से आते हैं।बजट अनुमान के मुताबिक आईओए कार्यकारी परिषद के सदस्यों को प्रतिदिन 300 डॉलर (लगभग 25,000 रुपये) मिलने थे। सदस्यों को उनकी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान आवास के लिए प्रति दिन अतिरिक्त 1000 डॉलर (लगभग 84,000 रुपये) भी मिलने थे।
ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का भत्ता प्रति दिन 50 डॉलर तय किया गया था, जबकि ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल के लिए प्रत्येक खिलाड़ी के लिए अलग से दो लाख रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई थी।ईसी के सदस्यों को इस बात से चिंता थी कि खिलाड़ियों से अधिक भत्ता लेने पर जनता में गलत संदेश गया है। उन्होंने रविवार को शहर के एक होटल में आयोजित भारतीय दल की विदाई समारोह के कार्यक्रम से पहले इस बारे में चर्चा की।
ईसी के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर PTI-(भाषा) से कहा, हां, हमने इस मुद्दे पर चर्चा की। अधिकांश सदस्य इस बात पर सहमत थे कि हमें यह भत्ता स्वीकार नहीं करना चाहिए। इससे जनता में गलत संदेश गया है और इसे सुधारने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, EC के सभी सदस्य आर्थिक रूप से संपन्न हैं। उन्हें ऐसी यात्राओं के लिए सरकारी कोष पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। हम में से प्रत्येक इसे आसानी से प्रबंधित कर सकता है। हमारे सदस्यों को 1000-1500 डॉलर की राशि से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, हमारे वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अजय पटेल गुजरात राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष हैं और अन्य सदस्य भी आर्थिक रूप से मजबूत हैं। क्या आपको लगता है कि हम इतनी रकम पर निर्भर हैं? ईमानदारी से कहूं तो हम सरकारी कोष पर निर्भर नहीं हैं।
कार्यकारी परिषद में 15 सदस्य हैं, जिनमें दो एथलीट आयोग के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने बजट अनुमान को मंजूरी देने के लिए सभी सदस्यों से मंजूरी मांगी थी लेकिन कोषाध्यक्ष सहदेव यादव ने अंतिम मंजूरी से पहले चर्चा के लिए ईसी की बैठक बुलाने की मांग की थी।