राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारी गोला फेंक एथलीट आभा खटुआ ने हाल में परिवार में हुए हादसे के बावजूद ओलंपिक में भाग लेने का फैसला किया था लेकिन उनका नाम पेरिस जाने वाले भारतीय दल से गायब है और अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है कि उनका नाम सूची से क्यों हटा दिया गया।
आभा 11 जुलाई को अपने अन्य साथियों के साथ भारत के ओलंपिक जाने वाले एथलेटिक्स दल के बेस तुर्किये के स्पाला के लिए गई थीं। लेकिन अगले ही दिन विश्व एथलेटिक्स द्वारा जारी ट्रैक और फील्ड ओलंपिक प्रतिभागियों की सूची में उनका नाम नहीं था।
विश्व रैंकिंग के जरिये पेरिस के लिए क्वालीफाई करने वाली 29 वर्षीय आभा का नाम फिर खेल मंत्रालय द्वारा मंजूर 117 सदस्यीय भारतीय दल से भी नदारद था।
ट्रैक और फील्ड टीम में अब 29 सदस्य हैं जबकि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) द्वारा 30 सदस्यों की घोषणा की गई थी।
अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उनका नाम चोट, डोपिंग उल्लंघन या किसी अन्य तकनीकी समस्या के कारण हटाया गया है।आभा से संपर्क करने के प्रयास विफल रहे हैं और अधिकारियों से जब उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवालों को टाल दिया।
एएफआई के एक अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा कि महासंघ को इस मुद्दे की जानकारी नहीं है।संपर्क किए जाने पर विश्व एथलेटिक्स के एक अधिकारी ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अधिकारी ने PTI (भाषा) के सवाल के जवाब में कहा, विश्व एथलेटिक्स लंबे समय से व्यक्तिगत चयन फैसलों पर विशिष्ट टिप्पणी नहीं करता।
पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले के पास खुर्शी गांव में एक किसान के घर जन्मी आभा ने पांच साल पहले गोला फेंक में आने से पहले कई तरह के ट्रैक और फील्ड खेलों में हाथ आजमाया।
उन्होंने 11 जुलाई को भारत से रवाना होने से पहले पीटीआई से बात करते हुए खुलासा किया कि हाल में अपनी भाभी (भाई की पत्नी) के निधन के बावजूद वह ओलंपिक में पदार्पण करेंगी।
आभा ने स्वीकार किया था कि वह सदमे में थीं क्योंकि वह अपनी भाभी के काफी करीब थीं लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता के बलिदान को देखते हुए ओलंपिक में हिस्सा लेने का फैसला किया।
Daughter of Medinipur,Bengal Abha Khatua will represent India in Paris Olympics
She currently represents Maharashtra. Another talent from Bengal who had to leave state to shine better
She is the current shot put national record holder
उन्होंने कहा था, मैंने कुछ दिन पहले अपनी भाभी को खो दिया जिससे मैं मानसिक रूप से बहुत निराश हूं। पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करने के बाद मैं उत्साहित थी क्योंकि ओलंपियन बनना हर एथलीट का सपना होता है।
उन्होंने कहा था, इस परिवार में इस हादसे के कारण मुझे झटका लगा। मैं अपने पहले ओलंपिक में भाग ले रही हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करते हुए देखने के लिए बहुत बलिदान किये हैं।