नई दिल्ली। कृषि सुधार से संबंधित विधेयकों को संसद में पारित किए जाने के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों के साथ विभिन्न किसान यूनियनों ने शुक्रवार को देशव्यापी चक्काजाम और बंद आयोजित किया।
इस दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के प्रमुख राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्ग इस आंदोलन के कारण अवरुद्ध रहे।
अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार 'अनजान' ने एक बयान में किसानों के आंदोलन को सफल बताया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में यह कहकर सत्ता हासिल की थी कि वह स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को लागू करेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में आते ही नरेन्द्र मोदी सरकार जमीन हड़पने के लिए संसद में पारित किसान समर्थक भूमि अधिग्रहण कानून को समाप्त करने के लिए सबसे पहले एक अध्यादेश ले आई।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अब खेती हड़पने के लिए तीन काले कानून लेकर आई है। केन्द्र सरकार खेत, खलिहान और खदानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का घिनौना षड्यंत्र रच रही है।
उन्होंने कहा कि इससे करोड़ों किसानों, मजदूरों, आढ़तियों की रोजी-रोटी छिन जाएगी। धन्ना सेठों को लूटने की आजादी देने का दस्तावेज संसद से पारित कराया गया है।
अंजान ने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर जनता ने व्यापक समर्थन देकर किसान आंदोलन को सफल बना दिया है।
किसानों के इस राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को देखकर मोदी सरकार को समझ लेना चाहिए कि अब किसान झांसे में आने वाले नहीं हैं।