पटना। लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व 'छठ' बुधवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया।
छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियों ने अंतःकरण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू किया।
सुबह से ही नदी, तालाब, पोखर आदि में व्रती स्नान करते देखे गए। कोरोना के चलते ज्यादातर व्रती इस बार घर पर छठ कर रहे हैं।
परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किए जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित (पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है।
महापर्व छठ के दूसरे दिन महिला एवं पुरुष व्रती कल एक बार फिर नदियों, तालाबों में स्नान करने के बाद अपना उपवास शुरू करेंगे। दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाएंगे।