इसलिए आसान नहीं मुकाबला : हालांकि कांग्रेस के इस बार राहत की बात यह है कि समाजवादी पार्टी के साथ उसका चुनावी गठबंधन है। अत: सपा का सहयोग भी उसे चुनाव में हासिल होगा। यह भी एक बड़ा सवाल है कि राहुल रायबरेली के मतदाताओं पर कितना असर डाल पाते हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न होगी क्योंकि यहां से उनके मंत्री दिनेश प्रताप सिंह मैदान में हैं।
सोनिया सबसे लंबे समय तक सांसद रहीं : सोनिया गांधी की इस सीट पर पहली बार तेरहवीं लोकसभा के लिए चुनी गईं। इसके बाद वे लगातार चौदहवीं, पन्द्रहवीं, सोलहवीं और सत्रहवीं लोकसभा के लिए चुनी गईं। 2009 में सोनिया गांधी ने बसपा उम्मीदवार को 3 लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। इस चुनाव में भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। लेकिन, 2019 आते-आते हार के अंतर कम होता गया। इस चुनाव में सोनिया गांधी 1 लाख 67 हजार वोटों से जीती थीं।