योग के आठ अंग है, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधी। आसन करने के लिए आसनों को सीखना होगा। प्राणायाम करना बहुत ही सरल होता है। प्राणायाम में रेचक पूरक और कुम्भक यह तीन तरह की प्रक्रिया होती है। मात्र इन तीन तरह की प्रक्रिया से ही उत्तम सेहत पाई जा सकती है। यहां मात्र रेचक की एक विधि जानेंगे जिससे टॉक्सिन होंगे बाहर और बॉडी रहेगी फिट।
रेचक करने के पूर्व ये सावधानी जरूरी : अनावश्यक चिंता-बहस, नशा, स्वाद की लालसा, असंयमित भोजन, गुटका, पाऊच, तम्बाकू और सिगरेट के अलावा चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि को छोड़ दें। ये सभी शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ है।
2. फिर चीखें, चिल्लाएं, नाचें, गाएं, रोएं, कूदें और हंसें। यह रेचक प्रक्रिया है। इसे करने के बाद 10 मिनट का ध्यान करें।
फायदे : इससे सारा स्ट्रेस बाहर आ जाएगा। अनावश्यक चर्बी घटकर बॉडी फिट रहती है और भीतर जो भी दूषित वायु तथा विकार है, उसके बाहर निकलने से चेहरे और शरीर की चमक बढ़ जाती है। इस क्रिया के अन्य कई लाभ हैं। यह व्यक्ति को निरोगी बनाती है।