कुम्भ आयोजन का महत्व : कुम्भ के आयोजन में नवग्रहों में सूर्य, चंद्र, गुरु और शनि की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है इसलिए इन्हीं ग्रहों की गोचर में विशेष स्थितिवश कुम्भ का आयोजन होता है। सागर मंथन से जब अमृत कलश प्राप्त हुआ, तब अमृत घट को लेकर देवताओं और असुरों में खींचतान प्रारंभ हो गई। इसमें अमृत कलश से छलककर अमृत की बूंदें जहां-जहां पर गिरीं, वहां-वहां पर कुम्भ का आयोजन किया जाने लगा।