मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया, मकर संक्रांति से माघी पूर्णिमा तक 20 करोड़ 54 लाख लोगों ने कुम्भ में स्नान किया है। माघी पूर्णिमा का स्नान कल्पवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि माघी पूर्णिमा पर ही वे संगम में स्नान कर विधि विधान से कल्पवास का संकल्प पूरा करते हैं। कुम्भ मेले में करीब 10 लाख लोग कल्पवास कर रहे हैं।
मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि अरैल घाट, संगम नोज, किला घाट, सरस्वती घाट, नागवासुकी घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान करने वालों का दिनभर आवागमन बना रहा। हर घाट पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात थे। मेला क्षेत्र में 96 कन्ट्रोल वाचटॉवर स्थापित हैं। इसके साथ मेला क्षेत्र में 440 सी.सी. टी.वी. कैमरों की मदद से निरन्तर निगरानी की जा रही है।
कुम्भ मेला के उप महानिरीक्षक के पी सिंह ने कहा कि मेला प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी श्रद्धालुओं को स्नान के बाद सुरक्षित उनके गंतव्य प्रस्थान की सुविधा देना है। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए कई मेला विशेष ट्रेनों के साथ ही राज्य परिवहन निगम ने अलग-अलग दिशाओं में रोडवेज की बसों का संचालन शुरू किया है।