ट्रेनें बढ़ाई जाएँ, थार एक्सप्रेस बाड़मेर में रुके

शुक्रवार, 3 जुलाई 2009 (11:07 IST)
पर्यटन की दृष्टि से देश के अग्रणी राज्यों में एक राजस्थान नए रेल बजट से उम्मीद कर रहा है कि कम से कम इस बार बजट में उसके साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया जाएगा। राज्य को इस बार नई रेलगाड़ियों की सौगात मिलने की भी उम्मीद है।

राजस्थान पर्यटन के लिहाज से तो देश के प्रमुख राज्यों में आता ही है साथ ही हाल के सालों में यह टेक्नोलॉजी के साथ ही शिक्षा के एक केंद्र के रूप में भी उभर रहा है।

राजस्थान के जोधपुर शहर में केंद्रीय विधि विश्वविद्यालय के अलावा यहाँ आईआईटी, आईआईएम जैसे कई बड़े और महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थान आने वाले समय में खुलने वाले हैं, जिनको देखते हुए प्रदेश के देश के अन्य प्रमुख शहरों से बेहतर रेल संपर्क की जरूरत महसूस की जा रही है।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी कहते हैं कि रेलवे नेटवर्क के हिसाब से राजस्थान बेहद पिछड़ा हुआ है। इसको दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता सरीखे दूसरे बड़े और महत्वपूर्ण शहरों के साथ बेहतर रेल सेवाओं से जोड़ने की आवश्यकता है।

हालाँकि इन शहरों के लिए राजस्थान से अब भी सीधी रेल सेवाएँ उपलब्ध हैं लेकिन वे अपर्याप्त हैं। इसके अलावा पर्यटन के महत्व को देखते हुए भी यहाँ रेलगाड़ियों की कमी है। राजस्थान देश का महत्वपूर्ण सीमांत प्रांत है। लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से राज्य के सीमावर्ती इलाकों में रेल सेवाएँ बेहतर करने की जरूरत है।

भारत और पाकिस्तान के लोगों की सुविधाओं को देखते हुए राजस्थान के जोधपुर और पाकिस्तान के खोखरापार के बीच थार एक्सप्रेस चलती है। भारत में प्रवेश करने के बाद यह रेल सिर्फ जोधपुर आकर ही रुकती है जबकि इससे आने वाले यात्रियों में अधिकतर बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में जाते हैं। इसे देखते हुए थार एक्सप्रेस के बाड़मेर में ठहराव की माँग लंबे समय से की जा रही है।
लोगों को उम्मीद है कि इस बार सरकार वादा पूरा करेगी। इसके अलावा शेखावटी के इलाके में छोटी रेल लाइन को बड़ी रेल लाइन में बदलने की अपेक्षा भी लोग कर रहे हैं। राजस्थान का यह हिस्सा ही ऐसा बचा है कि जहाँ रेललाइनों के आमान परिवर्तन का काम होना है। इसके अलावा अजमेर से गुजरात के पालनपुर तक दोहरी रेललाइन बिछाने की जरूरत भी महसूस की जा रही है।

यह कार्य होने के बाद दिल्ली से अहमदाबाद तक का पूरा रेल मार्ग दोहरा हो जाएगा। राजस्थान के कई मार्गों पर और ज्यादा रेलगाड़ियाँ चलाने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसमें दिल्ली-जयपुर के बीच में इंटरसिटी एक्सप्रेस चलाने, जोधपुर से आगरा के बीच नई रेलगाड़ियाँ चलाने की माँग प्रमुख है। आगरा के रेलमार्ग पर यात्री गाड़ियों की खासी कमी है।

राजस्थान की माँग है कि जयपुर से दिल्ली के अलावा चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु आदि मार्गों पर और ज्यादा रेलगाड़ियाँ चलाई जाएँ। इन मार्गों पर यात्रियों का भार हाल के वर्षों में बहुत बढ़ गया है। वहीं अजमेर-पुष्कर के बीच बिछने वाली रेल लाइन के लिए और ज्यादा धन की अपेक्षा भी की जा रही है। पैसे की कमी से इस लाइन को बिछाने का काम तकरीबन ठप पड़ा है।

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