नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को कहा कि देशवासी चाहते हैं कि भारतीय रेल तेज रफ्तार से दौड़े लेकिन वे उन बाध्यताओं से परिचित नहीं हैं जिनसे रेलवे जूझती है। उन्होंने भारत की रेलगाड़ियों, खासकर पैसेंजर गाड़ी और मालगाड़ी की औसत रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा होने की वजह बताते हुए कहा कि वे इसके लिए दो बातों को चिह्नित करना चाहेंगे।
रेलमंत्री ने बताया कि उच्च घनत्व वाले नेटवर्क में 1219 खंड हैं, जो मोटे तौर पर महानगरों को रेल पथ से जोड़ते हैं। इनमें से 492 खंड 100 प्रतिशत से भी अधिक क्षमता से कार्य कर रहे हैं और अन्य 228 खंड 80 से 100 प्रतिशत से बीच की क्षमता से कार्य कर रहे हैं।
प्रभु ने बताया कि इकहरे रेल पथ पर राजधानी और शताब्दी जैसी फास्ट एक्सप्रेस रेलगाड़ियां, साधारण, धीमी पैंसेजर गाड़ियों के साथ-साथ मालगाड़ियां भी चलानी होती हैं।