भाजपा सरकार के लिए यह राहत की बात हो सकती है कि मुलायम सिंह ने बजट की आलोचना करने की बजाय इसके कुछ उपायों की सराहना की है, क्योंकि सरकार के इस पहले पूर्ण रेल बजट पर विपक्षी पार्टियों के साथ शिवसेना जैसे सहयोगी दलों का रुख सकारात्मक नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि पिछले बजटों में रेलमंत्रियों ने जो घोषणाएं की थीं, उनमें से कुछ तो पिछले 15 साल से लंबित हैं। हालत यह है कि जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया गया है, लेकिन परियोजना नहीं बन पाई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस बात से नाखुश हैं कि उनके राज्य उत्तरप्रदेश के लिए किसी नए प्रस्ताव का ऐलान नहीं किया गया है, उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है। (भाषा)