भूमिहीन हुईं वसुंधरा

जयपुर। कहने को तो राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे धौलपुर की पूर्व रियासत की महारानी हैं लेकिन उनके पास न तो किसी तरह की भूमि है न ही कोई मकान अथवा अन्य जायदाद। पिछले विधानसभा चुनावों के समय वसुंधरा राजे धौलपुर में बीस बीघा कृषि भूमि की मालकिन जरूर थीं, लेकिन इस बार यह जमीन भी उनके पास नहीं रही। कम से कम मुख्यमंत्री की ओर से विधानसभा चुनावों के नामांकन के साथ प्रस्तुत किए गए संपत्ति का विवरण तो यही कहता है।

हालाँकि मुख्यमंत्री ने इस बार जो ब्योरा दिया है उसके अनुसार वह तीन करोड़ 96 लाख 28 हजार की कुल संपत्ति की मालकिन हैं। इनमें दो करोड़ 37 हजार रुपए के शेयर, बांड और डिबेंचर हैं जबकि 26 लाख 62 हजार 190 रुपए वसुंधरा राजे के नाम बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं में जमा हैं। उनके पास 55 लाख 50 हजार की अन्य परिसंपत्तियाँ हैं जिनका खुलासा नहीं किया गया है जबकि मुख्यमंत्री के पास 38 लाख 55 हजार 300 रुपए कीमत का सोना है। उन्होंने अपने पास साढ़े सोलह हजार रुपए नकद हैं। अपनी संपत्ति के ब्योरे में मुख्यमंत्री ने बताया है कि न तो उनके पास किसी तरह की कोई जमीन है न ही मकान अथवा अन्य किसी प्रकार का भवन उनके नाम है।

राजे के पास कार अथवा किसी प्रकार का वाहन भी नहीं है। पाँच साल पहले हुए चुनावों के समय राजे कुल दो करोड़ 77 लाख 55 हजार रुपए की संपत्ति की मालकिन थीं। तब उन्होंने खुद को बीस बीघा कृषि भूमि का मालिक बताया था जो इस बार उनके ब्योरे में शामिल नहीं है। इन पाँच सालों में वसुंधरा राजे की संपत्ति में एक करोड़ 19 लाख का इजाफा हुआ है। वैसे उपलब्धि के तौर देखा जाए तो वसुंधरा राजे इन पाँच सालों में कर्ज से मुक्त जरूर हो गई हैं।

पिछली बार उन पर कर्जों और अग्रिम ली हुई 45 लाख 87 हजार 680 रुपए का भार था। इससे उन्होंने मुक्ति पा ली है। इस बार के शपथ पत्र में पिछली बार की तरह वसुंधरा राजे ने न्यायालय में लंबित अपने पति से तलाक तथा धौलपुर राजघराने के संपत्ति के विवाद का कोई जिक्र नहीं किया है। (नईदुनिया)

वेबदुनिया पर पढ़ें